Heart Touching Desh Bhakti Poem on Independence Day

Here is the biggest list of Best Desh Bhakti Poem in Hindi for 15th August 2022, Also known as Indian Independence Day, The 15th of August is a very important day in the history of our country – India. On this day India got freedom from British rule after long years of slavery. It was not so easy for India to get freedom from the Britishers however; various great people and freedom fighters of India made it a truth. They had sacrificed their comfort, rest, and freedom. So that Independence Day is an annual observance celebrated every year on the 15th of August to pay tribute and remember all the freedom fighters. Patriotic Poems are the best way to express our feeling and love for the country, So in this article we’ve collected Happy Independence Day Poems in Hindi with Image, Short Desh Bhakti Kavita for Kids & School Children, Inspirational Poems on Independence Day for Students, 15 August Poems in Hindi Characters, Heart Touching Sad Hindi Poems, Small & Cute Funny Poems in Hindi for Kids, Indian Patriotic Poems in Hindi. Happy Independence Day to All  🙂

Inspirational Desh Bhakti Poem in Hindi

Desh Bhakti Poem
Beautiful Images of Desh Bhakti Poem Image on Happy Independence Day

 

1) Desh Bhakti Poem in Hindi Language

लाल रक्त से धरा नहाई,
श्वेत नभ पर लालिमा छायी,
आजादी के नव उद्घोष पे,
सबने वीरो की गाथा गायी,

गाँधी ,नेहरु ,पटेल , सुभाष की,
ध्वनि चारो और है छायी,
भगत , राजगुरु और , सुखदेव की
क़ुरबानी से आँखे भर आई ||

ऐ भारत माता तुझसे अनोखी,
और अद्भुत माँ न हमने पाय ,
हमारे रगों में तेरे क़र्ज़ की,
एक एक बूँद समायी .

माथे पर है बांधे कफ़न ,
और तेरी रक्षा की कसम है खायी,
सरहद पे खड़े रहकर,
आजादी की रीत निभाई.

Swatantrata Diwas Ki Hardik Shubhkamna

 

2) Bharat Desh Ki Aazadi Ki Kavita

जब भारत आज़ाद हुआ था|
आजादी का राज हुआ था||
वीरों ने क़ुरबानी दी थी|
तब भारत आज़ाद हुआ था||

भगत सिंह ने फांसी ली थी|
इंदिरा का जनाज़ा उठा था||
इस मिटटी की खुशबू ऐसी थी
तब खून की आँधी बहती थी||

वतन का ज़ज्बा ऐसा था|
जो सबसे लड़ता जा रहा था||
लड़ते लड़ते जाने गयी थी|
तब भारत आज़ाद हुआ था||

फिरंगियों ने ये वतन छोड़ा था|
इस देश के रिश्तों को तोडा था||
फिर भारत दो भागो में बाटा था|
एक हिस्सा हिन्दुस्तान था||

दूसरा पाकिस्तान कहलाया था|
सरहद नाम की रेखा खींची थी||
जिसे कोई पार ना कर पाया था|
ना जाने कितनी माये रोइ थी,

ना जाने कितने बच्चे भूखे सोए थे,
हम सब ने साथ रहकर
एक ऐसा समय भी काटा था||
विरो ने क़ुरबानी दी थी
तब भारत आज़ाद हुआ था||

हैप्पी इंडिपेंडेंस डे 2022

 

3) बच्चो के लिए स्वतंत्रता दिवस पर कविता

हम नन्हें-मुन्ने हैं बच्चे,
आजादी का मतलब नहीं है समझते।
इस दिन पर स्कूल में तिरंगा है फहराते,
गाकर अपना राष्ट्रगान फिर हम,
तिरंगे का सम्मान है करते,

कुछ देशभक्ति की झांकियों से
दर्शकों को मोहित है करते
हम नन्हें-मुन्ने हैं बच्चे,
आजादी का अर्थ सिर्फ यही है समझते।

वक्ता अपने भाषणों में,
न जाने क्या-क्या है कहते,
उनके अन्तिम शब्दों पर,
बस हम तो ताली है बजाते।
हम नन्हें-मुन्ने है बच्चे,
आजादी का अर्थ सिर्फ इतना ही है समझते।

विद्यालय में सभा की समाप्ति पर,
गुलदाना है बाँटा जाता,
भारत माता की जय के साथ,
स्कूल का अवकाश है हो जाता,
शिक्षकों का डाँट का डर,
इस दिन न हमको है सताता,

छुट्टी के बाद पतंगबाजी का,
लुफ्त बहुत ही है आता,
हम नन्हें-मुन्ने हैं बच्चे,
बस इतना ही है समझते,
आजादी के अवसर पर हम,
खुल कर बहुत ही मस्ती है करते।।

भारत माता की जय।

– वन्दना शर्मा।

 

4) Desh Bhakti Poem on Aazadi Diwas

बच्चा-बच्चा बन जाए सैनिक, गर बुरी नजर दुश्मन डाले
हस्ती उसकी मिलाएं खाक में, करे कभी जो हमला वे

भाईचारा रखें परस्पर, अमन चैन का नारा हो
सद्भावना, शांति रखें दिलों में, जाति, धर्म का न बंटवारा..

बनें पहिए प्रगति के रथ के,सबसे आगे बढ़ते जाएं
कर दें रौशन नाम जहां में, देश का अपने मान बढ़ाएं

आजादी की वर्षगांठ की ,छटा निराली बढ़ती जाए
खुशहाली के फूल हों बिखरे,खुश्बू से चमन महकाएं
आओ आज़ादी दिवस मनाएं, आओ आज़ादी दिवस मनाएं

15 अगस्त की शुभकामना

 

5) Happy Independence Day Poem in Hindi for Kids

हम बच्चे हँसते गाते हैं।
हम आगे बढ़ते जाते हैं।

पथ पर बिखरे कंकड़ काँटे,
हम चुन चुन दूर हटाते हैं।

आयें कितनी भी बाधाएँ,
हम कभी नही घबराते हैं।

धन दौलत से ऊपर उठ कर,
सपनों के महल बनाते हैं।

हम खुशी बाँटते दुनिया को,
हम हँसते और हँसाते हैं।

सारे जग में सबसे अच्छे,
हम भारतीय कहलाते हैं।

~Dr. Parshuram Shukla

 

6) “ध्वजा वंदना” | Inspiring Poem on 15th August

नमो, नमो, नमो।
नमो स्वतंत्र भारत की ध्वजा, नमो, नमो!

नमो नगाधिराज – शृंग की विहारिणी!
नमो अनंत सौख्य – शक्ति – शील – धारिणी!
प्रणय – प्रसारिणी, नमो अरिष्ट – वारिणी!
नमो मनुष्य की शुभेषणा – प्रचारिणी!
नवीन सूर्य की नई प्रभा, नमो, नमो!

हम न किसी का चाहते तनिक अहित, अपकार।
प्रेमी सकल जहान का भारतवर्ष उदार।
सत्य न्याय के हेतु, फहर-फहर ओ केतु
हम विचरेंगे देश-देश के बीच मिलन का सेतु
पवित्र सौम्य, शांति की शिखा, नमो, नमो!

तार-तार में हैं गुँथा ध्वजे, तुम्हारा त्याग!
दहक रही है आज भी, तुम में बलि की आग।
सेवक सैन्य कठोर, हम चालीस करोड़
कौन देख सकता कुभाव से ध्वजे, तुम्हारी ओर
करते तव जय गान, वीर हुए बलिदान,
अंगारों पर चला तुम्हें ले सारा हिंदुस्तान!
प्रताप की विभा, कृषानुजा, नमो, नमो!

~ रामधारी सिंह ‘दिनकर’

 

7) 15 August Kavita on Tiranga | देश भक्ति कविता

आज तिरंगा लहराता है अपनी पूरी शान से।
हमें मिली आज़ादी वीर शहीदों के बलिदान से।।

आज़ादी के लिए हमारी लंबी चली लड़ाई थी।
लाखों लोगों ने प्राणों से कीमत बड़ी चुकाई थी।।

व्यापारी बनकर आए और छल से हम पर राज किया।
हमको आपस में लड़वाने की नीति अपनाई थी।।

हमने अपना गौरव पाया, अपने स्वाभिमान से।
हमें मिली आज़ादी वीर शहीदों के बलिदान से।।

गांधी, तिलक, सुभाष, जवाहर का प्यारा यह देश है।
जियो और जीने दो का सबको देता संदेश है।।

प्रहरी बनकर खड़ा हिमालय जिसके उत्तर द्वार पर।
हिंद महासागर दक्षिण में इसके लिए विशेष है।।

लगी गूँजने दसों दिशाएँ वीरों के यशगान से।
हमें मिली आज़ादी वीर शहीदों के बलिदान से।।

हमें हमारी मातृभूमि से इतना मिला दुलार है।
उसके आँचल की छैयाँ से छोटा ये संसार है।।

हम न कभी हिंसा के आगे अपना शीश झुकाएँगे।
सच पूछो तो पूरा विश्व हमारा ही परिवार है।।

विश्वशांति की चली हवाएँ अपने हिंदुस्तान से।
हमें मिली आज़ादी वीर शहीदों के बलिदान से।।

– सजीवन मयंक

 

8) Mera Pyara Desh Poem on Independence Day in Hindi

Pyara pyara mera desh,
Sajaa-sanwaara mera desh,
Duniya jis par garv kare–
Nayan sitaara mera desh.
Chaandi-sona mera desh,
Safal salona mera desh,
Sural jaisa aalokit–
Sukh ka kona mera desh.
Phoolon waala mera desh,
Jhoolon waala mera desh,
Ganga-Yamuna ki maala ka,
Phoolon waala mera desh.
Aage jaaye mera desh,
Nit naye muskaaye mera desh.
Itihaason mein barh-charh kar
Naam likhaaye mera desh

Happy Independence Day 2022

 

9) Sad Emotional Desh Bhakti Kavita

हम तो आज़ाद हुए लड़कर पर
आज़ादी के बाद भी लड़ रहे है
पहले अंग्रेजो से लड़े थे
अब अपनों से लड़ रहे है
आज़ादी से पहले कितने
ख्वाब आँखों में संजो रखे थे
अब आजादी के बाद वो
ख्वाब ,ख्वाब ही रह गए है
अब तो अंग्रेज़ी राज और
इस राज में फर्क न लगे
पहले की वह बद स्थिति
अब बदतर हो गई है ..

पंद्रह अगस्त की शुभकामना

 

 

जब जब हम अपने देश की, अपनी मातृभूमि की बात करते हैं तब तब देश की देशभक्ति, देश भक्त निकल के सामने आते हैं| हमारे रगों में उबलता खून गरम होने लगता है, और अलग अलग समाज के लोग भी एक जुट होकर देश पे आये बड़े से बड़े संकट को भी दिमागी, होश्यारी, चालाकी और साहसपूर्वक दूर कर डालते हैं| देशभक्ति का जूनून किसी भी पागलपन की हद तक जा सकता है| वन्दे मातरम | ऐसे ही देशभक्ति भरा दिन भारत देश के लिए 15 अगस्त को मनाया जाता हैं, जिसके लिए हम इस पोस्ट में दिल को छू जाने वाली स्वंतंत्रता दिवस की कविता साँझा कर रहे है| आप सभी को भी 15 अगस्त की शुभकामनाये |

 

 

10) Independence Day Kavita in Hindi

Uth mere veer javan uth,
Uth mere veer javan uth,
Lahlahaati is dharti me aaj,
Fir nayaa josh aaya hai !
Kadam apne dagmagaane na dena,
Kyonki jaane vala yah kala sayaa hai !
Uth mere veer javan uth,
Uth mere veer javan uth,
Svatantrataa ka samay ab aaya hai
Svatantrataa ka samay ab aaya hai !
Laal, baal, paal, jaiso ne jo kasme khaai thi,
Use pura karne ka samay ab aaya hai !
Bahut kiya raaj angrajo ne,
Aaya samay ab hamara hai !
Uth mere veer javan uth,
Svatantrta ka samay ab aaya hai !

~ Sunil Yadav

 

11) Very Sad Independence Day Poem in Hindi Characters

ये कैसी आज़ादी है ,
हर तरफ बर्बादी है ,
कही दंगे तो कही फसाद है ,
कही जात पात तो कही ,
छुवा छूत की बीमारी है |
हर जगह नफरत ही नफरत ,
तो कही दहशत के अंगारे है
क्या नेता क्या वर्दी वाले ,
सभी इसके भागीदारी है .

 

12) Best Indian Patriotic Poems in Hindi Fonts

चंदन है इस देश की माटी तपोभूमि हर ग्राम है
हर बाला देवी की प्रतिमा बच्चा बच्चा राम है || ध्रु ||

हर शरीर मंदिर सा पावन हर मानव उपकारी है
जहॉं सिंह बन गये खिलौने गाय जहॉं मॉं प्यारी है
जहॉं सवेरा शंख बजाता लोरी गाती शाम है
हर बाला देवी की प्रतिमा बच्चा बच्चा राम है || 1 ||

जहॉं कर्म से भाग्य बदलता श्रम निष्ठा कल्याणी है
त्याग और तप की गाथाऍं गाती कवि की वाणी है
ज्ञान जहॉं का गंगाजल सा निर्मल है अविराम है
हर बाला देवी की प्रतिमा बच्चा बच्चा राम है || 2 ||

जिस के सैनिक समरभूमि मे गाया करते गीता है
जहॉं खेत मे हल के नीचे खेला करती सीता है
जीवन का आदर्श जहॉं पर परमेश्वर का धाम है
हर बाला देवी की प्रतिमा बच्चा बच्चा राम है ||

हैप्पी इंडिपेंडेंस डे 2022

 

13) Inspirational Poem on Independence Day 2022

Bharat maa ke amar saputon,
Path par aage badhate jaana.
Parwat nadiyaan aur samandar,
Hans kar paaya sabhi kar jaana.
Tumame Himgiri ki unchaayi,
Saagar jaisi geharaayi hai.
Leharon ki masti hai tum mein,
Suraj jaisi tarunaayi hai.
Bhagat Singh, Rana Pratap ka,
Behata rakt tumhaare tan mein,
Gautam, Gandhi, Mahaveer sa,
Rehata satya tumhaare man mein.
Sankat aaya jab dharti par,
Tumane bhishan sangraam kiya.
Maar bhagaaya dushman ko fir,
Jag mein apana naam kiya.
Aane waale naye vishav mein,
Tum bhi kuchh kar ke dikhlaana.
Bharat ke unnat lalaat ko,
Jag mein unchaa aur uthaana.

 

14) शहीद की मां को प्रणाम

कर गयी पैदा तुझे उस कोख का एहसान है
सैनिकों के रक्त से आबाद हिन्दुस्तान है
तिलक किया मस्तक चूमा बोली ये ले कफन तुम्हारा
मैं मां हूं पर बाद में, पहले बेटा वतन तुम्हारा
धन्य है मैया तुम्हारी भेंट में बलिदान में
झुक गया है देश उसके दूध के सम्मान में
दे दिया है लाल जिसने पुत्र मोह छोड़कर
चाहता हूं आंसुओं से पांव वो पखार दूं
ए शहीद की मां आ तेरी मैं आरती उतार लूं

 

15) Cute Desh Bhakti Poem for Children

Nanhe nanhe pyaare pyaare,
Gulshan ko mehakaane waale,
Sitaare jamin par laane waale
Hum bachche Hindustan ke.

Naye jamaane ke diwaale,
Toofaan se na darnw waale,
Kahalaate hain himmat waale,
Hum bachche Hindustan ke.

Chalate hain hum shaan se,
Bachate hain hum dvesh se,
Aan pe ho jaayein kurbaan,
Hum bachche Hindustan ke.

 

16) Bharat Desh Kavita

Maathe par giri-raj himalay
Baccho apni shan hai dikhaata
Charno mein bhaarat mata key
Saagar bhi hai sheesh jhukaata
Paschhim aur purab ke jungal mein
Bhaag sher sab paye jaatey
Nadiyo mein ghadiyaal magar sub
Apnaa roop dikhaatey
Mitti ore hawaa deti hai
Dharti ko mohak pareevesh
Issi liye toh pyaare baccho
Anokha sabsey bhaarat desh!

 

17) Cute Funny Happy Independence Day Kavita

Lal kille ke aas paas hai aajadi ka mela
Sabse upar naach raha hai jhanda ek akela

Kadam badhake sina taane fauji aate jaate
Pure nau nau bache saare chane kurkure khate

Sabhi kahte hain aaj ke din aajad hua tha desh
Sabhi kahte hain aaj ke din angrejon ka raj hua tha sesh

Abhi kuch to samajh na aaye aajaadi aur desh
Hum to chhat se dekh rahein hain patang patang ke pesh

Humse koi puchhe bachon aajaadi kya hoti hain
Hum kah denge us din sabki puri chhuti hoti hain  🙂

 

18) Best Independence Day Poem in Hindi

जय जय प्यारा, जग से न्यारा,
शोभित सारा, देश हमारा,
जगत-मुकुट, जगदीश दुलारा
जग-सौभाग्य सुदेश!
जय जय प्यारा भारत देश।

प्यारा देश, जय देशेश,
जय अशेष, सदस्य विशेष,
जहाँ न संभव अध का लेश,
केवल पुण्य प्रवेश।
जय जय प्यारा भारत देश।

स्वर्गिक शीश-फूल पृथ्वी का,
प्रेम मूल, प्रिय लोकत्रयी का,
सुललित प्रकृति नटी का टीका
ज्यों निशि का राकेश।
जय जय प्यारा भारत देश।

जय जय शुभ्र हिमाचल शृंगा
कलरव-निरत कलोलिनी गंगा
भानु प्रताप-चमत्कृत अंगा,
तेज पुंज तपवेश।
जय जय प्यारा भारत देश।

जगमें कोटि-कोटि जुग जीवें,
जीवन-सुलभ अमी-रस पीवे,
सुखद वितान सुकृत का सीवे,
रहे स्वतंत्र हमेश
जय जय प्यारा भारत देश।

श्रीधर पाठक

 

19) Best Motivational  Independence Day Poem in Hindi

उठो, धरा के अमर सपूतों।
पुन: नया निर्माण करो।
जन-जन के जीवन में फिर से
नव स्फूर्ति, नव प्राण भरो।
नई प्रात है नई बात है
नया किरन है, ज्योति नई।
नई उमंगें, नई तरंगें
नई आस है, साँस नई।
युग-युग के मुरझे सुमनों में
नई-नई मुस्कान भरो।

उठो, धरा के अमर सपूतों।
पुन: नया निर्माण करो।।1।।

डाल-डाल पर बैठ विहग कुछ
नए स्वरों में गाते हैं।
गुन-गुन, गुन-गुन करते भौंरें
मस्त उधर मँडराते हैं।
नवयुग की नूतन वीणा में
नया राग, नव गान भरो।

उठो, धरा के अमर सपूतों।
पुन: नया निर्माण करो।।2।।

कली-कली खिल रही इधर
वह फूल-फूल मुस्काया है।
धरती माँ की आज हो रही
नई सुनहरी काया है।
नूतन मंगलमय ध्वनियों से
गुँजित जग-उद्यान करो।

उठो, धरा के अमर सपूतों।
पुन: नया निर्माण करो।।3।।

सरस्वती का पावन मंदिर
शुभ संपत्ति तुम्हारी है।
तुममें से हर बालक इसका
रक्षक और पुजारी है।
शत-शत दीपक जला ज्ञान के
नवयुग का आह्वान करो।

उठो, धरा के अमर सपूतों।
पुन: नया निर्माण करो।।4।।

द्वारिका प्रसाद माहेश्वरी

 

20) Bharat Desh Kavita in Hindi

संघर्षों की ज्वाला में

हँस-हँस,

नव-निर्माणों के गीत

उमंगों के तारों पर

जन-जन गाता है,

भारत अपने सपनों को

सत्य बनाता है !

 

मज़बूत इरादों को लेकर

श्रम-रत हैं नर-नारी,

उगलेगा फ़ौलाद भिलाई

झूमेगी क्यारी-क्यारी !

 

बदला कण-कण भारत का,

बदला जीवन भारत का !

 

भागे मूक उदासी के साये

उल्लासों के सूरज चमके हैं,

युग-युग के त्रास्त सताये

मुरझाये मुखड़े दमके हैं !

 

दुर्भाग्य दफ़न अब होता है,

उन्मुक्त गगन अब होता है !

कलियाँ खिलने को तरसायीं जो,

गदराई अमराई में

भोली-भोली कोयल

मन के गीत न गा पायी जो,

अब तो

आँगन-आँगन कैसा मौसम आया !

कलियाँ नाचीं,

कोयल ने मन-भावन गायन गाया !

 

जीवन में अभिनव लहरें हैं,

चंदन से बुद्बुद् छहरे हैं !

 

क्रोधित चम्बल

खिल-खिल हँसती है,

बाँधों की बाहों में

अलबेली-सी

अपने को कसती है !

लो हिन्द महासागर से

बादल घिर आया,

धानी साड़ी पहन

धरा ने आँचल लहराया !

जीवन के बीज नये

अब बोता भारत है !

मानवता के हित में

रत होता भारत है !

– महेन्द्र भटनागर

 

21) स्वतंत्रता दिवस पर कविता

पन्द्रह अगस्त देश की शान है
यह मेरे देश का अभिमान है
गर्व होता है इस दिन पर मुझे
यही मेरी आन यही मेरा पहचान है

देश की आजादी के लिए
शहीदों ने प्राण गवाएं
उन शहीदों की शहादत का
पन्द्रह अगस्त सम्मान है

न भूलना कभी इस दिन को
यह देश की पहचान है
स्वतन्त्रता दिवस के नाम से
प्रसिद्ध देश की शान है

सुरेन्द्र मेहरा


 

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